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संत गोन्सालो गार्सिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय,वसई यह मुंबई विश्वविद्यालय से संलग्न एक सुप्रसिद्ध महाविद्यालय है।मुंबई विश्वविद्यालय भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है।इस विश्वविद्यालय ने ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में देश को नई दिशा देनेवाले विद्वानों,विचारकों तथा वैज्ञानिकों का निर्माण किया है।साहित्य,संस्कृति तथा भाषा के क्षेत्र में भी मुंबई विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय भूमिका रही है।मुंबई विश्वविद्यालय की स्थापना 18 जुलाई, 1857 को फोर्ट, मुंबई में हुई।आगे चलकर जब अनेक विभाग बने तब कलिना परिसर का विकास हुआ।इसी परिसर में सन 1970 में हिंदी विभाग का विधिवत शुभारंभ हुआ।मुंबई विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में आज एम.ए.एम.फील्.एवं पीएच.डी.के साथ-साथ अनुवाद तथा विदेशियों के लिए प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम संचलित होते हैं।
भारतवर्ष के नामचीन मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध संत गोन्सालो गार्सिया महाविद्यालय वसई यह एक प्रख्यात और सुपरिचित वरीष्ठ महाविद्यालय है।इस महाविद्यालय की शुरुआत सन् 1984 में हुई।समय के साथ-साथ महाविद्यालय में अन्य विभागों के साथ हिंदी विभाग की भी स्थापना हुई।महाविद्यालय का हिंदी विभाग सन 1992 में अस्तित्व में आया।हिंदी विभाग में बी.ए.प्रथम वर्ष अनिवार्य हिंदी,बी.ए.प्रथम वर्ष ऐच्छिक हिंदी, बी.ए.द्वितीय वर्ष हिंदी,बी.ए.तृतीय वर्ष हिंदी के पाठ्यक्रम पढ़ाये जाते हैं।वर्तमान में बी.ए.व्दितीय वर्ष में 'प्रयोजनमूलक हिंदी' और 'जनसंचार माध्यम', बी.ए.तृतीय वर्ष में 'सूचना प्रौद्योगिकी और हिंदी' एवं 'सोशल मीडिया' जैसे छात्र व्यवहार उपयोगी महत्वपूर्ण विषय पढ़ाये जा रहे हैं।अनुवाद कला से भी छात्रों को अवगत किया जाता है।हिंदी विभाग ने अब तक छात्रों के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया है। प्रतिवर्ष 'हिंदी दिन' के उपलक्ष्य में 'हिंदी सप्ताह' मनाया जाता है।निबंध,कविता,सुंदर हस्ताक्षर, शुध्दलेखन, चित्रकला,गीत गायन,रंगोली आदि विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।छात्र इसमें बड़े उत्साह से सम्मिलित होते हैं। विविध प्रतियोगिताओं में विजेता छात्रों को 14 सितम्बर को 'हिंदी दिन' कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों के हाथों प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया जाता है। सुप्रसिद्ध हिंदी कवियों को आमंत्रित कर 'हिंदी काव्य मैफल' का आयोजन किया जाता है।इसमें छात्रों को अपनी स्वरचित कविता प्रस्तुत करने का अवसर भी दिया जाता है। ऑनलाइन स्वरचित राज्यस्तरीय हिंदी काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।हिंदी विभाग का 'बीज' यह भित्तिपत्रिका मंच है। जिसके माध्यम से छात्रों की साहित्यिक अभिव्यक्ति को बढ़ावा मिलता है।छात्रों के लिए हर साल विविध विषयों पर विद्वानों के व्याख्यानों का आयोजन भी किया जाता है।हिंदी विभाग में प्रतिवर्ष कुल-मिलाकर तीन सौ से अधिक छात्र पढ़ते हैं।छात्रों में हिंदी साहित्य के प्रति रूचि निर्माण करना और हिंदी भाषा के प्रयोग में उन्हें व्यवहार कुशल बनाना यह मुख्य उद्देश है।
बी.ए. होने के बाद हिंदी विभाग के छात्र स्नातकोत्तर पढ़ाई करने के लिए मुंबई विश्वविद्यालय या अन्य शिक्षा संस्थाओं में जाते हैं।पढ़ाई पूरी होने पर जीवन के विविध क्षेत्रों में अपना योगदान देते हैं।कई छात्र शिक्षा,बैंक,बीमा क्षेत्र,समाचार चैनल, समाचार पत्र,सिने जगत, टेलीविजन एवं थिएटर की दुनिया में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करते हैं।